मंगलवार, 11 सितंबर 2007

तुमने कहा था


12 सितंबर 2007
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तुमने कहा था तुम करोगी इंतजार
फिर क्या हुआ कैसे टूटा ये तार

जिसने कभी गुनगुनाये थे तराने
लिखे थे गीत, सुनाये थे फसाने
वही करने लगा हिसाब किताब
कहाँ गुम हुए वे सारे ख्वाब

जिसे कविताओं में शब्दों से सजाया
जिसे अपने ह्रदय में बसाया
जिस पर की न्योछावर हर सांस
जो था अपना ओर हम उसके खास

आज कैसे आम हो गये
किसके अब ऊँचे दाम हो गये
ये रोशनी, ये सजावट, ये चमकार
किसके लिये हैं अब ये बाहों के हार

खडा हूँ मै तमाशाई बनकर
कोई और ले गया मेरा दाना चुनकर

तुमने कहा था तुम करोगी इंतजार



आज का विचार

खूब देखो सपने, पर चुनो उन्हे जो हैं तुम्हारे अपने ।



आज का स्वास्थ्य सुझाव

हर एक घंटे बाद आधा गिलास पानी पीयें ।

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